8th Pay Commission DA News: 8वें वेतन आयोग पर सरकार का जवाब आ गया है। फिलहाल महंगाई भत्ते को मूल वेतन में देने का कोई विचार नहीं है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में यह जानकारी दी।
पिछले कई महीनों से सरकारी कर्मचारी उम्मीद लगाए बैठे थे कि शायद आठवें वेतन आयोग से पहले ही उन्हें बड़ी खुशखबरी मिल जाए और सभी जगह यह चर्चा भी थी कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन में जोड़ा जा सकता है। लेकिन सरकार की ओर से स्पष्ट बयान सामने आ चुका है। इससे इन सभी चर्चाओं पर विराम लग चुका है। अब कर्मचारी और पेंशनभोगी इस बात पर नज़र लगाए हुए हैं कि अब आठवें वेतन आयोग में उन्हें कितनी राहत मिलने वाली है।
महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलने का कोई प्रस्ताव नहीं
सरकार की ओर से स्पष्ट जवाब आ चुका है कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन में देने के लिए अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 1 दिसंबर 2025 को लोकसभा में लिखित जवाब में दी है। उन्होंने जानकारी दी कि इस समय महंगाई भत्ते को मूल वेतन में जोड़ने का प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। बता दें, सांसद आनंद भदौरिया की ओर से सवाल किया गया था, जिसका जवाब आया है। पिछले 30 वर्षों में महंगाई इतनी तेजी से बढ़ चुकी है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता और महंगाई राहत वास्तविक खुदरा महंगाई के बराबर नहीं हो पा रहा है। यही मुख्य कारण है कि कर्मचारी संगठन लंबे समय से कम से कम 50% महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
कर्मचारियों को फिटमेंट फैक्टर से मिलेगी राहत
कर्मचारियों की नज़रें अब फिटमेंट फैक्टर पर लगी हैं। फिटमेंट फैक्टर वही गुणांक है, जिसके आधार पर भविष्य में महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में बढ़ोतरी तय होगी। वर्तमान में सातवें वेतन आयोग के अनुसार फिटमेंट फैक्टर 2.57 है और यदि इसे बढ़ाकर 3 कर दिया जाता है, तो मूल वेतन के साथ-साथ सभी जुड़े हुए अन्य भत्तों जैसे कि हाउस रेंट अलाउंस, ट्रैवलिंग अलाउंस सहित सभी भत्तों में बढ़ोतरी हो जाएगी। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़ाकर 3 कर दिया जाता है, तो शुरुआती मूल वेतन में 15 से 20% तक बढ़ोतरी हो जाएगी। इसके साथ ही पेंशन पाने वालों को भी समान रूप से लाभ प्राप्त होगा, क्योंकि पेंशन हमेशा नए संशोधित मूल वेतन के 50% के आधार पर ही मिलती है।
सातवां वेतन आयोग 31 दिसंबर को समाप्त
सातवें वेतन आयोग की टाइम लाइन की बात की जाए तो इसकी अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो जाएगी। ऐसे में कर्मचारियों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह आ रहा है कि जब तक आठवें वेतन आयोग को लागू नहीं किया जाएगा, तब तक महंगाई भत्ता और महंगाई राहत पुराने तरीके से आगे बढ़ते रहेंगे या फिर रोक दिए जाएंगे। इस पर एक्सपर्ट का कहना है कि कर्मचारी अब सरकार की ओर से जारी होने वाले स्पष्ट आदेशों का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने कहा है कि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की पुनरीक्षा हर 6 महीने में की जाएगी, जिससे महंगाई के कारण वेतन और पेंशन की वास्तविक कीमत न घटे। हालांकि यह संशोधन एआईसीपीआई के आंकड़ों के आधार पर ही तय किया जाएगा।





