8th Pay Commission Pension Hike: आठवें वेतन आयोग की चर्चा जोर पकड़ चुकी है। सातवां वेतन आयोग खत्म होने में अब 30 दिन का समय बचा हुआ है। कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद है कि वेतन आयोग लागू होते ही उनकी सैलरी और पेंशन में भारी बढ़ोतरी होगी। हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि पेंशनर्स की पेंशन बढ़ेगी या नहीं, क्योंकि 3 नवंबर को टर्म्स ऑफ रेफरेंस का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इस पर बड़े सवाल उठने लगे हैं। पेंशन भोगियों के मन में सवाल है कि क्या आठवां वेतन आयोग पेंशनर्स की पेंशन बढ़ाने जा रहा है या नहीं। तो अब पेंशनर्स के लिए बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं, क्योंकि इस सवाल का जवाब 2 दिन बाद मिलने वाला है।
पेंशन को लेकर राज्यसभा के सदस्यों ने पूछे सवाल
2 दिसंबर 2025 को पेंशन धारकों की टेंशन खत्म हो जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा जाएगा कि क्या पेंशन और वेतन भोगियों के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को बेसिक पे में मिलाकर तुरंत राहत दी जाएगी या फिर नहीं। इसके साथ ही यह भी पूछा जाएगा कि पेंशन सुधार का प्रावधान आठवें वेतन आयोग में शामिल नहीं किया गया है, ऐसा क्यों हुआ है। इन सवालों के जवाब निर्मला सीतारमण, जो कि भारत की वित्त मंत्री हैं, देने वाली हैं। बता दें, यह सवाल राज्यसभा के सदस्यों जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने किया है। इसे आठवें वेतन आयोग के नए टर्म्स ऑफ रेफरेंस और पेंशन नीति के संदर्भ में उठाया गया है। सवालों के जवाब मिलते ही 68 लाख से अधिक पेंशनर्स का संशय खत्म हो जाएगा।
वित्त मंत्री के सामने रखे जाएंगे यह तीन प्रश्न
पहला प्रश्न यह है कि क्या सरकार ने हाल ही में आठवें वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की है। अगर हां, तो इसकी विस्तृत जानकारी और टर्म्स ऑफ रेफरेंस का विवरण क्या है। दूसरा सवाल यह पूछा जाएगा कि क्या सरकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को त्वरित राहत प्रदान करने के लिए मौजूदा महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को बेसिक पे के साथ मर्ज करने जा रही है। अगर ऐसा है तो उसका विवरण क्या है, अगर नहीं तो इसके पीछे मुख्य उद्देश्य क्या है। तीसरा सवाल, आठवें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन संशोधन का प्रस्ताव शामिल नहीं किया गया है, अगर ऐसा है तो इसका प्रमुख कारण क्या है। भाषा विभाग की वेबसाइट पर इन प्रश्नों की सूची जारी की गई है कि सरकार को बताना है कि क्या आठवें वेतन आयोग की सूचना जारी हुई है, उसके निर्देश क्या हैं और पेंशन संबंधित प्रस्ताव शामिल किए गए हैं या नहीं। इन सभी सवालों के जवाब 2 दिसंबर को मिल जाएंगे।
पेंशनर्स और कर्मचारियों को सता रही चिंता
आठवें वेतन आयोग का गठन हो चुका है और इसका अध्यक्ष भी नियुक्त किया जा चुका है। आयोग अपनी रिपोर्ट 12 से 18 महीने में दे देगा, लेकिन पेंशनर्स और कर्मचारियों की चिंता बरकरार है कि क्या पेंशन की दर और राहतों में कोई बदलाव होगा या नहीं। इधर कई कर्मचारी टर्म्स ऑफ रेफरेंस में सुधार की मांग कर रहे हैं। अगर पेंशन सुधार नहीं हुआ तो कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की दरों से ही गुजारा करना होगा। अब सब की निगाहें 2 दिसंबर के संसद के शीतकालीन सत्र की ओर हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह प्रश्न पूछे जाएंगे और उत्तर आते ही कर्मचारी और पेंशनर्स की चिंता खत्म हो सकती है। इस दिन पूरी तरह साफ हो जाएगा कि सरकार पेंशनर्स को राहत देगी या फिर मायूस करेगी।





