Supreme Court Big Decision On TET: सुप्रीम कोर्ट ने बिना टीईटी पास विशेष शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। साथ ही एनसीटीई से जवाब भी मांगा है कि क्या इन शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य है या नहीं।
शिक्षक पात्रता परीक्षा का मामला एक बार फिर से फंस चुका है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्राइमरी शिक्षकों पर TET लागू करने के बाद अब विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों पर भी शिक्षक पात्रता परीक्षा लागू करने को लेकर एनसीटीई से स्पष्ट जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने एनसीटीई से पूछा है कि क्या स्पेशल एजुकेटर के लिए भी शिक्षक पात्रता परीक्षा जरूरी है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश
सुप्रीम कोर्ट शिक्षा के अधिकार अधिनियम को लेकर काफी सख्त नज़र आ रहा है, जहां एक ओर प्राइमरी शिक्षकों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा लागू करने का आदेश दे चुका है, तो वहीं दूसरी ओर अब देश भर के स्पेशल शिक्षकों के लिए भी टीईटी को लेकर एनसीटीई को आदेश दिया है। इसके साथ-साथ सबसे बड़ा आदेश यह है कि स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति टीईटी के बगैर नहीं की जाएगी। कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। एनसीटीई का जवाब आने के बाद स्थिति साफ होगी। बता दें, 2 दिसंबर यानी कल को इस मामले की बड़ी सुनवाई होने जा रही है। एनसीटीई के रुख को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट इस मामले में बड़ा फैसला दे सकता है। अगर एनसीटीई विशेष शिक्षकों के लिए टीईटी को जरूरी बताता है, तो सुप्रीम कोर्ट इन शिक्षकों के लिए भी शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य कर सकता है।
कौन-कौन सी योग्यता है जरूरी
न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि यह मामला स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति से जुड़ा हुआ था, जिसमें कोर्ट अपने पहले के आदेश के अनुपालन पर ही विचार कर रहा था सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई कि नियम के अनुसार प्राथमिक शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता शिक्षक पात्रता परीक्षा है। पीठ ने कहा कि उसे तो अभी तक यही लगता था कि सुप्रीम कोर्ट का जो 7 मई 2025 का आदेश है, उसके अनुसार अनुपालन किया जा रहा है। उसके मुताबिक स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति के लिए आरसीआई की योग्यता जरूरी है। हालांकि अब इस मामले पर एनसीटीई का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का आधार बनेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश से लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही अंतरिम आदेश पारित कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि अभ्यर्थियों को स्पेशल एजुकेटर के तौर पर तब तक नियुक्ति नहीं दी जा सकती है, जब तक उनके पास शिक्षक पात्रता परीक्षा का सर्टिफिकेट न हो। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब एनसीटीई का शपथ पत्र काफी महत्वपूर्ण हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इसी को आधार बनाते हुए अंतिम आदेश को अंतिम रूप देगा। अगर एनसीटीई ने टीईटी को जरूरी माना, तो अंतिम आदेश में भी बिना टीईटी नियुक्ति पर रोक बरकरार रह सकती है।





